Sunday, April 28, 2024

अगर आपके पास नहीं है वैध PUC सर्टिफिकेट तो भरना पड़ सकता है 10 हजार का चालान

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दिल्ली में इनवैलिड पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिकों की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू करेगा जिनके पास वैलिड पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं हैं. साथ ही अधिकारियों ने कहा कि अगर प्रमाण पत्र नहीं होंगे तो 10,000 रुपये का जुर्माना वाहन मालिक को देना होंगा… उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान भी चलाएगा कि बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र वाले वाहन शहर की सड़कों पर न चलें.


विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में, 13 लाख टू व्हीलर और तीन लाख कारों सहित 17 लाख से ज्यादा वाहन इनवैलिड पीयूसी के चल रहे हैं. विभाग की तरफ से कहा गया है कि “विभाग पीयूसी प्रमाण पत्र के एक्सपायर होने के बाद वाहन मालिकों को उनके घरों पर नोटिस भेजने के लिए एक सिस्टम पर काम कर रहा है. यदि उनके पास से वैलिड प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हुए, तो 10,000 रुपये के जुर्माने का चालान भी उनके घर पहुंच जाएगा.” केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, प्रत्येक मोटर वाहन (बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV के साथ-साथ सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित) के लिए एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना जरुरी है.


हालांकि, BS-IV वाहनों की वैधता एक साल और अन्य वाहनों के लिए तीन महीने है. मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक एक्सपायर पीयूसी सर्टिफिकेट के साथ पकड़े जाने पर, वाहन मालिक को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है. अधिकारियों ने कहा पिछले साल परिवहन विभाग द्वारा पीयूसी मानदंड को सख्ती से लागू करने के कारण, 60 लाख से ज्यादा प्रमाण पत्र जारी किए गए थे.


जानकारी के लिए आपको बता दें कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी प्रदूषित गैसों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है. दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा सर्टिफाइड 900 से ज्यादा प्रदूषण जांच केंद्र हैं. ये पूरे शहर में फैले पेट्रोल पम्पों और वर्कशॉप्स में स्थापित किए गए हैं ताकि मोटर चालक आसानी से जांच करा सकें. पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है. चार पहिया वाहनों के लिए यह 80 रुपये है. डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपये है.

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