हाल ही में आई फिल्म पृथ्वीराज (Prithviraj) बॉक्स आफिस पर पूरी तरह धराशायी हो गई… फिल्म में अक्षय कुमार (Akshay Kumar), सोनू सूद, मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar), और आशुतोष राणा हैं… आशुतोष राणा को इसमें जयचंद के किरदार में दिखाया गया है… और पूरी फिल्म में जयचंद को गद्दार की तरह पेश किया गया है… जयचंद जिस जगह से अपने साम्राज्य पर शासन किया करते थे वह जगह है कन्नौज (Kannauj)… जमींदोज हो चुका जयचंद का किला आज भी इस बात का गवाह है कि जयचंद का साम्राज्य कितना बड़ा रहा होगा (JaiChand Fort)… फिल्म में जयचंद को गलत किरदार में दिखाने से कन्नौज में तमाम बुद्धिजीवी फिल्म का विरोध करने अब एक मंच पर आ गए हैं…
रवीना प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित जयचंद पर शोध पुस्तक ‘सम्राट जयचंद’ लिखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार सुशील राकेश कहते हैं कि किसी ग्रंथ या साहित्य में जयचंद को गद्दार नहीं बताया गया है… यहां तक कि मुस्लिम साहित्यकारों ने भी जयचंद को गद्दार नहीं लिखा है… पृथ्वीराज ने धोखे से जयचंद की बेटी संयोगिता को भरी सभा से उठा लिया… भला किसी सम्राट की बेटी को भरी सभा से उठा लिया जाए तो ऐसे में कौन दोस्ती का हाथ बढ़ाएगा… जयचंद ने अपने रहते हुए यवनों को भारत की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया… (Sushil Rakesh)
वहीं कन्नौज में एतिहासिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बनी कान्यकुब्ज सेवा समिति के अध्यक्ष नवाब सिंह यादव फिल्म के बारे में कहते हैं कि पृथ्वीराज फिल्म पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है.. मेरा विरोध जयचंद के गलत किरदार को लेकर है… पृथ्वीराज रासो के अलावा कोई ऐसा ग्रंथ, साहित्य या साहित्यकार बताइये जिसने जयचंद को गद्दार कहा है… दुनिया का कोई भी व्यक्ति जयचंद को गद्दार साबित कर दे तो समिति उसे 5 लाख रुपये का नगद पुरस्कार देगी... (Navab Singh Yadav Kannauj)
इधर कन्नौज में वकीलों ने भी फिल्म में जयचंद के किरदार और कन्नौज की धरती को गलत तरह से पेश करने को लेकर फिल्म निर्देशक चंद्रप्रकाश दिवेदी का पुतला फूंका… उसके साथ ही कन्नौज के किसी भी थियेटर में फिल्म न लगने देने की भी बात कही…
बढ़िया स्टोरी
पृथ्वीराज फ़िल्म से हमें कोई आपत्ति नहीं है… पर जयचंद के किरदार को सिर्फ एक किताब ‘पृथ्वीराज रासो’ से फ़िल्म में ले लिया गया जो कि गलत है।
#boycottPrithviraj
Nice story 👍