Atrangi Re movie review: AtrangiRe देखने से पहले फेसबुक पर दो लोगों के रिव्यु पढ़े…एक ने फिल्म को बिल्कुल वकवास बताया और दूसरे ने शानदार बताया…अब दोनों लोग अच्छा लिखते हैं और अब तक जितनी भी फिल्मों के बारे में उन्होंने देखकर लिखा है फिल्म देखकर वैसा ही लगा था लेकिन इस बार दोनों की एकदम जुदा राय ने कन्फ्यूज कर दिया…फिर सोचा अब दोनों की राय को ध्यान में रखकर अपनी नजर से देखते हैं और फिर फिल्म देखनी शुरू की।
शुरू से ही रहमान साहब के संगीत ने बांध लिया वैसे इस फिल्म का इंतजार सिर्फ दो नामों की वजह से था पहला A R Rahman और दूसरा Anand L Rai की वजह से और यहां दोनों ने निराश नहीं किया दरअसल ये फिल्म उन लोगों को वकवास लग रही है जो फिल्म में लॉजिक खोज रहे हैं जबकि इस फिल्म में आपको जो मिलेगा वो सिर्फ प्यार मिलेगा…सीधा,सादा और सरल जो कि प्यार की मूल भावना है ही…थोड़ा सा उलझा हुआ, बहुत सारा झमेला लिया हुआ और पागलपन से भरा…
एक और सीन है जिसमें Dhanush, Sara Ali Khan से कहते हैं कि साजिद ठीक है जाकर मिल लो तब अनायास ही मुंह से निकला…”पागल है” लेकिन अगले ही पल समझ आ गया कि यही तो प्यार है सीधासा, सच्चा सा. मुझे लगता आनंद एल राय की जीरो फ्लॉप होने की भी यही वजह है कि लोगों ने उसमें भी लॉजिक तलाश किया जबकि उसमें भी प्यार की इंतहा दिखाई गई थी और फिल्म का पहला हाफ तो बड़ा ही एंटरटेनिंग था लेकिन फिर भी फिल्म नहीं चली।इस फिल्म के साथ भी ऐसा ही हो रहा है लोग लॉजिक तलाश कर रहे हैं जबकि फिल्म में सिर्फ प्यार दिखाने की कोशिश की है और वैसे भी प्यार में कोई लॉजिक-वॉजिक होता भी है भला…?
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Nice
What a outstanding review and the content was just related to the movie…
पढ़ने और तारीफ के लिए शुक्रिया।