Sunday, April 28, 2024

ज्ञानवापी, मथुरा और कुतुबमीनार के मुद्दे पर देवबंद में आयोजित हुई उलमा-ए-हिंद की बैठक

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देश में कथित तौर पर मुस्लिमों के साथ हो रहे भेदभाव और बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत-उलमा-ए-हिंद ने देवबंद में मुस्लिम समाज के लोगों के सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें देशभर से हजारों की संख्या में मुस्लिम हिस्सा लेने पहुंचे… बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा की पार्टी और सरकार कटुता का जहर घोल रही है… राष्ट्रवाद का जहर घोलकर बहुसंख्यक समाज को अल्पसंख्यक समाज के लिए भड़काया जा रहा है…

भाषण के दौरान फफक कर रो पड़े मदनी

भाषण के दौरान भावुक मौलाना महमूद मदनी

सम्मेलन में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी अपने भाषण के दौरान भावुक हो गए… मदनी ने कहा कि “मस्जिदों के बारे में चर्चा करने के बाद जमात कल फैसला लेगी…  फैसले के बाद कोई कदम पीछे नहीं हटेगा… हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं… हां, मुश्किल झेलने के लिए ताकत और हौसला चाहिए… हम जुल्म को बर्दाश्त कर लेंगे, दुखों को सह लेंगे, लेकिन अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे…”
मदनी ने आगे कहा, “वो चाहते क्या हैं? समझ लीजिए, मैं बार बार कह रहा हूं… जो नफरत के पुजारी हैं, आज वो ज्यादा संख्या में नजर आ रहे हैं… अगर हमने उन्हीं के लहजे में जवाब देना शुरू किया तो वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे… हम हर चीज पर समझौता कर सकते हैं, लेकिन ईमान से समझौता हमें बर्दाश्त नहीं… वो देश को अखंड भारत बनाने की बात करते हैं… इन्होने तो देश के मुसलमान का पैदल चलना तक दुश्वार कर दिया है… वो पूरे मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं।”

प्रस्ताव में कहा बीजेपी नफरत की आग में जला रही

जमीयत उलेमा–ए-हिंद का दो दिवसीय सम्मेलन

जमात ने एक प्रस्ताव में दावा किया है कि, ‘‘देश धार्मिक बैर और नफ़रत की आग में जल रहा है… चाहे किसी का लिवाज़ हो, खान-पान हो, आस्था हो, किसी का त्योहार हो, बोली हो या रोज़गार, देशवासियों को एक दूसरे के खि़लाफ़ उकसाने की कोशिश हो रही है…”

प्रस्ताव के मुताबिक, “सबसे बदकिस्मती यह है कि सांप्रदायिकता की यह ‘काली आंधी’ मौजूदा सत्ता दल (बीजेपी) व सरकारों के संरक्षण में चल रही है जिसने बहुसंख्यक वर्ग के दिमागों में ज़हर भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है… आज देश की सत्ता ऐसे लोगों के हाथों में आ गई है जो देश की सदियों पुरानी भाईचारे की पहचान को बदल देना चाहते हैं।”

अगर दिल बंट गए तो मंदिरमस्जिद का करेंगे क्या : नियाजी

जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेशनल सेक्रेटरी मौलाना नियाज अहमद फारूकी

जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेशनल सेक्रेटरी मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि, “हर धर्म के शासकों ने गलतियां की हैं… जिसे हम आज तक भुगत रहे हैं… इन्हें सुधारने के लिए हमें एक साथ बैठकर हल निकालना होगा… मंदिरों-मस्जिदों से बड़ा तो हमारा दिल है… जहां पर भगवान और अल्लाह विराजमान हैं… हम अगर अपने दिलों को बांट देंगे तो इन मंदिरों-मस्जिदों का क्या होगा… अगर हमारे दिल सही रहेंगे तो हमारा धार्मिक मकसद भी सही रहेगा… ऐसा कोई फसाद नहीं होना चाहिए जिससे हमारे रिश्ते टूटें… फिर चाहे ये मंदिर और मस्जिद टूटे या बने इससे फर्क नहीं पड़ेगा…”

5 बीघा जमीन में फुस AC पांडाल, इकट्ठे हुए 3000 लोग

पांडाल में मौजूद जमीयत के लोग

सहारनपुर जिले के देवबंद में हो रहे इस मुस्लिम सम्मेलन में 25 राज्यों से 1500 जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदस्य इकट्ठे हुए हैं… कुल मिलाकर लगभग 3000 लोगों का समूह इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है… वहीं इन सभी लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतजाम किया गया है… करीब पांच बीघा जमीन में फुली कवर्ड AC पंडाल तैयार किया गया है। इसमें ढाई-ढाई टन के 20 से ज्यादा AC लगाए गए हैं… मेहमानों के रहने की व्यवस्था होटल के अलावा ईदगाह मैदान में बनाए गए पंडाल में भी की गई है…

उलमाओं की सुरक्षा के लिए आसपास जिलों से आई पुलिस

पांडाल के अंदर मौजूद सुरक्षाबलों के ज

सम्मेलन को लेकर पुलिस-प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है… देशभर से आने वाले डेलिगेशन और उलमाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किया गया है… आसपास के जिलों से एक्सट्रा फोर्स मंगवाई गई है… पंडाल के अंदर और आसपास LIU को भी अलर्ट किया गया है… एसएसपी आकाश तोमर का कहना है कि सम्मेलन के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है… सम्मेलन स्थल पर एक कंपनी PAC, तीन पुलिस निरीक्षक, दस उपनिरीक्षक, छह महिला कांस्टेबल और 40 सिपाहियों की तैनाती की जाएगी…

तीन सेशन में बैठक

पहला सेशन : 28 मई सुबह 8:45 से 1:00 बजे (दिन)
दूसरा सेशन : 28 मई शाम 7:30 से 9:30 बजे (रात)
तीसरा सेशन : 29 मई सुबह 8:45 से 1:00 बजे (दिन)

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