योगी सरकार ने आवारा पशुओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. गायों के दूध देना बंद कर देने के बाद बेसहारा छोड़ देने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. ऐसे लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज होने की बात कही गई है..दरअसल सोमवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान ‘गाय’ का मुद्दा भी उठा था. इसके बाद देर शाम सरकार ने यह आदेश जारी किया. हालांकि अभी इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ है। लेकिन इस बहाने गाय को छोड़ने की बहस शुरू हुई है…और कई लोगों के मन में ये सवाल है कि किसान गाय छोड़ता क्यों है? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए आपको एक दूसरे सवाल का जवाब देना होगा तब ये सवाल आपकी समझ में खुद ब खुद आ जाएगा और वो सवाल ये है कि जब भैंस दूध देना बंद कर देती है तो किसान भैंस क्यों नहीं छोड़ता?
क्योंकि जब भैंस दूध देना बंद कर देती है तो वो उसे बेच बाजार में आधी कीमत पर बेच देता है और दूध वाली भैंस ले आता है और ये दूध ना देने वाली भैंस कुछ व्यापारी लोग खरीद लेते हैं इनमें कई किसान भी होते हैं ये उसे तब तक खिलाते पिलाते हैं जब तक वो फिर से गाभिन ना हो जाए और जब वो हो जाती है तब वो उसे ज्यादा कीमत पर फिर से किसान को बेच देते हैं…इससे दूध चाहने वाले किसान का भी फायदा हो जाता है और व्यापारियों का भी फायदा हो जाता है.
ये एक चक्र है जो चलता रहता है दिक्कत ये है कि ये चक्र भैंस के लिए तो है लेकिन गाय के लिए बंद कर दिया है क्योंकि गाय को अब कोई बेच नहीं सकता,खरीद नहीं सकता यही वजह है कि गाय दूध नहीं देने पर छोड़ दी जाती हैं तब भी जब वही किसान इनकी पूजा भी करते हैं सोचिए कितनी मजबूरी में ये किसान गाय छोड़ना का फैसला करते होंगे…और अब इन मजबूर किसानों पर मुकदमा करने की बात हो रही है ये तो पहले से ही दबे किसान को जमीन में और गहरा दबाने जैसा है.