एक बाबा जिनके भक्तों की संख्या सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी शुमार हैं… एक बाबा जिनके आशीर्वाद से एप्पल ने बुलंदी हासिल की… एक बाबा जिसके कंबल खुद बुलेट प्रूफ बन जाता है… आज बात करेंगे कैंची धाम वाले नीम करोली बाबा की…
नीम करोली बाबा का जन्म ‘उत्तर प्रदेश’ के ‘फ़िरोज़ाबाद ज़िले’ में हुआ था.
11 साल की उम्र में ही इनकी शादी एक ब्राह्मण कन्या के साथ कर दी गई थी… लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही उन्होंने घर छोड़ दिया और साधु बन गए. माना जाता है कि लगभग 17 साल की उम्र में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.
17 साल की उम्र में उन्होंने आध्यत्म और ईश्वर के बारे में बहुत ज्ञान हासिल कर लिया था. बाबा बचपन से ही हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते थे और उन्हें अपना गुरू भी मानते थे. अपनी इसी भक्ति के चलते उन्होंने 1964 में नैनीताल के भुवाली से लगभग 7 किमी की दूरी पर ‘कैंची धाम आश्रम‘ का निर्माण कराया था. हनुमान भक्त ‘नीम करोली बाबा‘ के चमत्कारों की चर्चा सिर्फ़ उत्तराखंड तक सीमित नहीं थी, बल्कि विदेशों में लोग उन्हें अपना गुरु मानते थे.
कहा जाता है कि बाबा हनुमान जी की उपासना भी करते थे और उन्होंने गुरु मोह में लगभग 108 मंदिरों का निर्माण भी कराया था. ‘नीम करोली बाबा’ को कई चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं, लेकिन फिर वो उनका रहन-सहन काफ़ी साधारण था. हालांकि, बाबा किसी भी भक्त को अपने पैर नहीं छूने देते थे. जो भी उनके पैर छूने चलता वो उसे हनुमान जी के पैर छूने की आज्ञा देते.
बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं. बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं. बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है. इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है. इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं.
बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं.
1. बाबा के चमत्कारों के बारे में कहा जाता है कि एक बार बाबा के धाम में आयोजित भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गईं और बाबा के आदेश पर आश्रम से नीचे बहती नदी के पानी को घी के रूप में उपयोग किया गया, ऐसे में जो पानी प्रसाद में डाला गया वो घी बन गया…
2. यह भी कहा जाता है कि बाबा अपनी दैवीय शक्तियों से अचानक ही कहीं भी भक्तों के बीच प्रकट हो जाते थे और फिर अचानक ही लुप्त भी हो जाते थे. यहां तक की वे जिस वाहन में बैठे हो उसका पीछा करने या फिर पैदल चलते समय उनका पीछा करने पर भी वो अचानक ही विलुप्त हो जाते थे.
3. यहां तक की एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की किस्मत भी बाबा नीम करोली के आशीर्वाद से ही पलटी थी. कहा जाता है कि बाबा नीम करोली के बारे में स्टीव जॉब्स को किसी ने उस समय बताया था जब वे जीवन के बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब उनके परिचित ने उन्हें बाबा नीम करोली के धाम जाने की सलाह दी.
जिसके बाद स्टीव जॉब्स अमेरिका से बाबा के दर्शन के लिए आए थे, लेकिन तब तक बाबा समाधि ले चुके हैं. इसके बावजूद स्टीव जॉब्स तीन महीने तक बाबा के धाम में ही रहकर साधना करते रहे. कहा जाता है कि इसके बाद ही जीवन में निराशा को झेल रहे स्टीव ने एप्पल नाम के ब्रांड की स्थापना की और जीवन में सफलता के नए आयाम छू रहें हैं.
स्टीव जॉब की ही तरह फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की जिंदगी में भी टर्निंग प्वाइंट बाबा नीम करोली के धाम में आने के बाद ही बदलाव आया था… दरअसल 32 साल के मार्क जुकरबर्ग उस समय तक फेसबुक की स्थापना तो कर चुके थे, लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. ऐसे में वे निराश होकर फेसबुक बेचने के बारे में सोचने लगे थे. इसी दौरान स्टीव जॉब ने ही उन्हें बाबा नीम करोली के धाम जाने की सलाह दी.
बाबा के धाम के बारे में स्टीव जॉब से सुनने के बाद ही वे यहां आए. यहां से मार्क जब वापस लौटे तो उनका जीवन बदल चुका था. मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक को नए सिरे से शुरु किया और इसके बाद से फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया साइट है. बाबा के धाम के बारे में ही मार्क जुकरबर्ग ने कुछ समय पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में भी बताया था.
आपको बता दें कि हर साल कैंची धाम में बाबा का विशाल उत्सव मनाया जाता है…