कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (Pakistan Former President Pervez Musharraf) की मौत की खबर भारत और पाकिस्तान में वायरल हो रही थी और कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाने लगा, कि पाकिस्तान के पूर्व जनरल और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की मौत हो गई. हालांकि, बाद में उनके परिवार की तरफ से उनकी मौत की खबर को अफवाह बताया गया, लेकिन कहा गया, कि पूर्व जनरल की तबीयत गंभीर है और वो अमाइलॉइडोसिस नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.
मुशर्रफ के परिवार ने उनकी स्थिति के बारे में एक बयान में कहा कि, ‘वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं। अपनी बीमारी के कारण पिछले 3 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं’। परिवार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि, मुशर्रफ अब जिस स्थिति से गुजर रहे हैं, वहां से उनकी वापसी संभव नहीं है और उनके organs खराब हो रहे हैं। कृपया, उनके जीवन के लिए प्रार्थना करें’।
आईये जानते हैं, अमाइलॉइडोसिस (Amyloidosis) बीमारी क्या है, इसके कारण और इलाज के तरीकों…
अमाइलॉइडोसिस(Amyloidosis) एक दुर्लभ बीमारी है, जो तब होती है जब एक असामान्य प्रोटीन, जिसे अमाइलॉइड(amyloid) कहा जाता है, किसी के अंगों में बन जाता है, जो उस अंग के आकार और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है. अमाइलॉइड प्रोटीन, किसी इंसान के दिल, दिमाग, गुर्दे, और शरीर के अन्य भागों में जमा हो सकता है, जिससे अंग नाकाम होने की स्थिति में आ जाते हैं और इंसान की मौत भी हो सकती है. अमाइलॉइड प्रोटीन सामान्य रूप से शरीर में नहीं पाया जाता है, लेकिन इसे कई अलग-अलग प्रकार के प्रोटीन से बनाया जा सकता है.
अमाइलॉइडोसिस का कारण क्या है?
कई अलग-अलग प्रोटीन अमाइलॉइड (amyloid) जमा कर सकते हैं, लेकिन ये कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। प्रोटीन का प्रकार और यह कहां एकत्र होता है, यह बताता है कि व्यक्ति को किस प्रकार का अमाइलॉइडोसिस (Amyloidosis) है. अमाइलॉइड (amyloid) पूरे शरीर में या सिर्फ एक जगह जमा हो सकता है. अन्य बाहरी कारकों के कारण होती हैं, जैसे कि सूजन संबंधी बीमारियां या फिर लंबे वक्त से चला आ रहा डायलिसिस.
अमाइलॉइडोसिस के लक्षण क्या है?
अमाइलॉइडोसिस के लक्षण अक्सर कम होते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर में अमाइलॉइड प्रोटीन कहां जमा हो रहा है. जैसे-जैसे अमाइलॉइडोसिस बढ़ता है, दिल, लीवर, प्लीहा, गुर्दे, पाचन तंत्र, दिमाग या तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों में गंभीर थकान, वजन कम होना, पेट, टांगों, एड़ियों या पैरों में सूजन, दर्द या हाथ या पैर में झुनझुनी, त्वचा के रंग में परिवर्तन, आंखों के आसपास की त्वचा के धब्बे या चोट के निशान वाले क्षेत्र, चोट लगने के बाद सामान्य से अधिक खून बहना, जीभ की सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
अमाइलॉइडोसिस का इलजा क्या है?
इस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीजों के शरीर के अंदरूनी अंगों का इलाज करने के लए इमेजिंग प्रक्रिया,जैसे कि इकोकार्डियोग्राम(echocardiogram), न्यूक्लियर चेस्ट टेस्ट(nuclear chest test) या लीवर अल्ट्रासाउंड(liver ultrasound) किया जाता है. एक बार इस बीमारी का पता लगने के बाद अमाइलॉइडोसिस को इलाज के जरिए धीमा किया जा सकता है और इसके लक्षणों को कम करके रोगियों को कुछ समय के लिए मौत से बचाया जा सकता है. हालांकि, वास्तविक इलाज इस बात पर निर्भर करता है, कि व्यक्ति को किस प्रकार का अमाइलॉइडोसिस है. कीमोथेरेपी भी इसके उपचार का एक तरीका है, जिससे कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जा सकता है. वहीं, कुछ दवाएं भी अमाइलॉइडोसिस वाले लोगों में असामान्य प्रोटीन बनाने वाली कोशिकाओं के विकास को भी रोक सकती हैं.